जीवन का संघर्ष
हम अपना कर्म किये जा रहे हैं जीत मिले या
हार,जीवन व्यतीत किये जा रहे,
स्वास्थय कैसा भी रहे अच्छा या बुरा जीवन
की हर सांस से जंग सी लड़ते जा रहे हैं,
माना इम्तिहान मुश्किल है मगर अग्निपथ चलते
जा रहे हैं,
अभी हार की धूप कड़क है जीत की छाँव अभी
बाकी है,
माना अंधेर है अभी जीवन में हमारे उम्मीद की
उज्जवलता अभी बाकी है,
अभी कदमों की हार है तो क्या हुआ अभी आसमां
में उड़ान भरने की जीत अभी बाकी है
दुनिया बनाये दूरियाँ तो क्या हुआ अभी अपना
वक्त आना बाकी है,
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OMESHWAR PATHAK
22-Apr-2021 12:29 PM
माना अंधेरे मै, बहुत सुंदर प्रस्तुति
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पवन पुत्र
19-Apr-2021 05:07 PM
superb
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Mahasy Rakesh kumar
17-Apr-2021 07:18 PM
बहुत अच्छा लिखा है आपने
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